सपनों की दुनिया
आओ हम कहीं ऐसी जगह चलें
जहाँ दूर तक खुली फिजा हों
हरी भरी वादियाँ हों
नदियाँ और झरनें हों
चहचहाते पंछी और फूल हों
दूर तक फैली हरियाली हों
जहाँ दूर तक खुली फिजा हों
हरी भरी वादियाँ हों
नदियाँ और झरनें हों
चहचहाते पंछी और फूल हों
दूर तक फैली हरियाली हों
आओ हम कहीं ऐसी जगह चलें
जहाँ किसी के चीखने की आवाज़ ना हों
किसी भूखे बच्चे का रोना ना हों
किसी औरत की मजबूरी ना हों
किसी पर अत्याचार ना हों
जहाँ किसी के चीखने की आवाज़ ना हों
किसी भूखे बच्चे का रोना ना हों
किसी औरत की मजबूरी ना हों
किसी पर अत्याचार ना हों
कहीं भ्रष्टाचार ना हों
आओ हम कहीं ऐसी जगह चलें
जहाँ हर तरफ शान्ति सुकून हों
आपस मैं अपनापन हों
पुलकित प्रफुलित मुखड़े हों
और जहाँ हों सिर्फ
प्यार प्यार प्यार
जहाँ हर तरफ शान्ति सुकून हों
आपस मैं अपनापन हों
पुलकित प्रफुलित मुखड़े हों
और जहाँ हों सिर्फ
प्यार प्यार प्यार